जैसा कि हमको बताया जाता है कि डायबिटीज एक लाईलाज बीमारी है जिसके लिए जीवन भर दवाइयां खानी पड़ती है। लेकिन क्या आप जानते है डायबिटीज अपने आप में कोई बीमारी नहीं है बल्कि यह जीवन जीने की अनुचित तरीके जैसे गलत खानपान, रहन-सहन, विचार चिंतन, निद्रा और जागरण आदि के अब्यवस्थित हो जाने के कारण होने वाली एक विकृति है। यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सत्य हैं कि लगभग 70 से 90 प्रतिशत डायबिटीज से ग्रसित लोगों को दवाई की जरुरत नहीं होती है उनमें केवल जीने के ढंग में थोड़ा थोड़ा परिवर्तन करके हम अपने आप स्वस्थ रख सकते हैं । यदि किसी की दवाइयां भी चालू है तो भी उनके आहार विहार, रहन, सहन, विचार, चिंतन और अन्य प्रक्रियाओं को संतुलित करके दवाईयो से मुक्ति पाई जा सकती है। यदि डायबिटीज नई नई मालूम पड़ी हो और उसकी मात्रा ज्यादा भी क्यों न हो, अथवा 3 महीने का एवरेज रक्त शुगर जांच जैसे HbA1c भी बढ़ा हो तो भी इनको बिना दवाइयों के संतुलित किया जा सकता है । सबसे पहले तो हमको डायबिटीज के बारे में फैलाए गए गलत अफवाहों से अपने आप को बचाए। और फिर डायबिटीज के बारे में जो सच्चाई है उसको जानने की आवश्कता है। अब डायबिटीज के बारे में भ्रम क्या-क्या फैलाया गया है यदि हम उसको देखें तो - १- डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है। २- इसके लिए जीवन भर दवाइयां खानी पड़ती है । ३- यह एक आनुवंशिक बीमारी है। ४- डायबिटीज में केवल ब्लडशुगर को संभालना होता है। ५- डायबिटीज में मेटाबोलिज्म ब्रेक हो जाता है। ६-ब्लड शुगर केवल दवाइयों से ही नियंत्रित किया जा सकता है। ७- डायबिटीज में हम कुछ भी खा सकते हैं। ८- डायबिटीज के रोगी को हमेशा थोड़े थोड़े समय पर खाना खाते रहना चाहिएं । ९-डायबिटीज केवल मोटे लोगों में पाया जाता है। १०-ब्लड शुगर 180 मिली/ डेसीली या HbA1c -7 नॉर्मल है ११-शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम हो गई है १२- पेन्क्रियाज काम करना बंद कर दिया है। इस तरह से और भी बहुत सारी अफवाहें समाज में फैला दी गई जिसके कारण ब्लड शुगर का नियंत्रण करना मुश्किल हो जाता है।टीज को अपने लाइफ से भगा सकते हैं।